एकता में भिन्ता
जिंदगी गुजरते जा रही है
पर वक़्त ठहर गया
सिमटा सा एक पल
भवर बन गया
जीवन की कश्ती डूबती जा रही
पर बस्ती की आबादी आबाद हो रही
कहने को लोग बस्तें हैं
पर बिखराव के चिन्ह दीखते हैं
दिलो से दूर होतें लोगो का
जिस्मो का साथ हुआ
सभ्यता , संस्कृति का पड़ाव पर कर
आधुनिकता का उदय हुआ
सब राग झूठे लगे
जब रिमिक्स का प्रचार हुआ
होली ,दिवाली ,ईद सभी कम पड़े
पर अब वेलेन्टाईन , freinshipday का ईजाद हुआ
पहले सब का एक दिन था
अब सबके लिये एक एक दिन हुआ
एक स्वर गूंजता था
भिन्ता में एकता ,
पर अब एकता में भिन्ता हुआ
Nice....
ReplyDeleteWell said ...
ReplyDeletethanx Singh style
Delete