जोकर
किसी ने कहा ,
हम जोकर हैं ,
हमने कहा चलो ,
जोकर ही सही ,
जोकर बन किसी को हँसा तो जातें हैं ,
उन का क्या जो आचे बन कर ,
आखो में पानी दे जातें हैं ,
और कुछ कमी रहे जाये ,
तो तनहा छोड़ जातें हैं ,
और तभी खुद को अच्छा बतलातें हैं ,
ऐसी तकदीर पर अफ़सोस होता है ,
जो अच्छे होकर भी गुन्हा करते हैं ,
इतने गुणकारी होकर भी एक मुस्कान भी नही बाटते,
तो हम जैसे आम लोग जोकर बन जाते हैं ,
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