मेहनत तो कम ना थी , मगर ,
किस्मत से तेरी ठन गयी ,
मुद्दतों बाद कोई दुश्मन खास बना है ,
" यार "
पर हम खयाल कुछ यूँ , रखेंगें तेरा
ऐ किस्मत हम खयाल कुछ यूँ रखेंगें तेरा ,
जैसे " रूख " हवाओं का मोड़ दियां करते हैं ,
पंछीं छोटे छोटे पंखों से अपने ,
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