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Tuesday, August 23, 2011

सोचा तो ना था


सोचा तो ना था
की कुछ ऐसा रिश्ता होगा , तेरा - मेरा
कहना होगा कुछ
और वक़्त का मिजाज़ देखना होगा
तेरे साथ के लिये भी वक़्त मिलना जरुरी होगा
ऐसा ध्यान रखना होगा
एक दुसरे को तक्लुफ़ ना दे
ऐसा करना होगा
सोचा तो ना था
की कुछ ऐसा रिश्ता होगा  , तेरा  - मेरा

5 comments:

  1. रीना जी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति बधाई सुन्दर प्रस्तुति के लिए

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  2. जिंदगी में जो सोचा, वो हो ये जरूरी नहीं और जो हो उसे.....

    खैर,
    अच्‍छी प्रस्‍तुति

    शुभकामनाएं...............

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  3. सीधे दिल पर उतर गयी पंक्तियाँ...
    बहुत सुंदर ..

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