Search This Blog

Sunday, March 27, 2011

किसको अपना कहे

 
हम किसको अपना कहे ,

जिसको अपना कहा ,

वो ही साथ छोड़ चला ,
...

डर जाते हैं अब हम ,

सहम जाता है दिल ,

जबही अब कोई दस्तक देता है ,

डर तो लगता हैं ,

अब तनहिया भी कही ,

साथ ना छोड़ जाये ,

1 comment:

  1. वाह क्‍या शायराना अंदाज हैं आपके।
    दो लाईनें हम भी कह देते हैं,

    'नाज करती थी कभी जिनकी वफा पर दुनिया
    आजकल वो भी बदलने लगे हैं'

    ReplyDelete