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Thursday, March 10, 2011

वो भी कही से आती नही


किसी  की  रातो  में  सितारे  भी  ग़ज़ल  गुनगुनाते  हैं ,
  तो  किसी   की  रातो  में   खमोशी सी  भी  पसरी  है  ,
   एक  आहट  को  तरसे   हैं ,वो  भी  कही  से  आती  नही  ,
 

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना| धन्यवाद|

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  2. बेहतरीन भावाभिव्यक्ति..... बहुत सुंदर

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