खाब्वो ने हर मर्दफा मजबूर किया ,
आखो को मेरी पलके झुकाने को मजबूर किया ,
उम्मीदों ने पलकों को खुलने को मजबूर किया ,
अपनों ने टूटे खाब्वो को देखने को मजबूर किया ,
दिल ने उनको समेटने को मजबूर किया ,
हर मर्दफा किसी ना किसी ने मजबूर किया ,
इस सिलसिले ने मुझे ,
जिंदगी को मज़बूरी का नाम देने को मजबूर किया ,
इस सिलसिले ने मुझे ,
ReplyDeleteजिंदगी को मज़बूरी का नाम देने को मजबूर किया
खूब कहा आपने....बहुत बढ़िया
हर मर्दफा किसी ना किसी ने मजबूर किया ,
ReplyDeleteइस सिलसिले ने मुझे ,
जिंदगी को मज़बूरी का नाम देने को मजबूर किया
bahut khoob kaha hai aapne .best of luck .