वक़त के बदलने पर कभी बदलता है कुछ
कभी कुछ बदलने पर वक़्त बदलता है
वक़त हो या कुछ हो पर
एक दिन सब बदलता है ..
कुछ भी स्थिर नही पाता मैं
जहाँ भी जाऊ कुछ बदला पाता हूँ मैं
कुछ छोड़ कर जाऊ किसी आसं में मैं
जब लोट आने पर बदला पाता हूँ मैं
निराश सा दिल मेरा कल जैसा कुछ चाहता
जो लोट कर ना आ पाए उसकी आस में मैं भी कभी बदल जाता हूँ
ऐसा देख कभी खुश तो कभी मायूस होता हूँ
पर जो तय होता है वो बस बदल जाना ही है ....जो मुझे मिले वो बदलाव है जो तुम्हे मिले वो बदलाव है
कभी खुशनुमा कभी मायूस पर जो भी हो बदलाव है
समय बडा बलवान होता है............
ReplyDeleteगहरे भाव।
अच्छी रचना।
thanx atul ji
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर .....प्रभावित करती बेहतरीन पंक्तियाँ ....
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