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## जो तेरा होगा, मिल जाएगा
जो तेरा होगा, मिल जाएगा,
कौन सा तुझे पता है, तेरा क्या होगा?
आज, कल, परसों, सब रब के हाथ में है,
क्या उसके हाथों कुछ गलत होगा?
उलझन बड़ी है जीवन में, मान लिया...
कहीं ऐसा तो नहीं, तूने ऐसा समझ लिया?
सुलझा है सब, उलझा कुछ भी नहीं,
जीवन है उसके हाथों में, तो क्या उस पर विश्वास नहीं?
ये बस तेरे मन की उलझन है,
वरना होता वही है जो वो चाहता है।
खुद को जब सौंप दिया उसके हाथों में,
फिर कहाँ गलत होता है?
रास्तों पर बस चलता रहे,
मंज़िल तो सबकी एक है।
तुझे नहीं लगता, सब सुलझा है?
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