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Thursday, May 29, 2025

Khilone le aaye

 आजकल दिल बहलाते हैं अपना, हम लगाते नहीं,

तुम कहते हो खिलौने ले आए?


बहुत अरसा हुआ, इंसान कोई मिला नहीं,

जब भी हुई मुलाकात, तो खिलौनों से हुई।

इंसान देखे तो अरसा हुआ,


लो तुम भी मेरे जैसे निकले, तुमने समझा खिलौना और इंसान अलग हुआ।

क्या ज़रूरत है अब फूलों में ख़ुशबू हो,

कोई इंसान भी तो ख़ुशबू के लिए बचा नहीं।

(Reenakari)

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