अपने गमो को छुपाना एक हुनर होता है ,
ये बोल कर मेरे अपनों ने गमो का तोफा दिया है ,
फिर छुपाने की गुज़ारिश कर ,
उसे हुनर का नाम दिया है ,
ऐसे अपनों से कितना सिखा हमने ,
दस्ता - ए -जिंदगी में क्या बयां करू ,
भूल गया अब मैं कुछ भी बयान करना ,
अब बस एक ही हुनर को पाला है ,
जिसे मेरे अपनों ने मुझे सिखाया है ,
ये बोल कर मेरे अपनों ने गमो का तोफा दिया है ,
फिर छुपाने की गुज़ारिश कर ,
उसे हुनर का नाम दिया है ,
ऐसे अपनों से कितना सिखा हमने ,
दस्ता - ए -जिंदगी में क्या बयां करू ,
भूल गया अब मैं कुछ भी बयान करना ,
अब बस एक ही हुनर को पाला है ,
जिसे मेरे अपनों ने मुझे सिखाया है ,
''गम समेटा किए हैं खुशी की तरह,
ReplyDeleteखुद जले उम्र भर दुपहरी की तरह''
अच्छी रचना। अच्छे भाव। बधाई हो।
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
ReplyDeleteवर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .
thanx...
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