reenakari
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Saturday, February 5, 2011
reenakari: एक पल में गवा के आये
reenakari: एक पल में गवा के आये
: "कभी तो पल भी मुश्किल था गुजारना , आज इस द्हेलिज पर आये , जाने कोन वक़्त में बीत गया वो सफ़र , रास्ते का कुछ याद न आये , आखे मुंदी थी एक अरस..."
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