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Saturday, February 12, 2011

संगर्ष सी जिंदगी


संगर्ष सी जिंदगी ,
एक पल में बदलती ,
कभी बादल जो बरसतें रहे ,
कभी रेगिस्तान जो तरसता रहे ,
कभी पानी की बूंद बने ,
...
कभी सागर का रूप धरे ,
क्या पहेचान होगी ,
संगर्ष सी जिंदगी ,
बस हेरान सी ,
गुज़र रही है अनजान सी ,
संगर्ष सी जिंदगी ,
समेटे खवाबो को ,
कभी नदिया सी बहेती,
कभी झील सी जिंदगी ,
संगर्ष सी जिंदगी ,

2 comments:

  1. अच्‍छे भाव पर व्‍याकरण की गल्तियों ने कबाडा कर दिया। जरा व्‍याकरण और शब्‍दों पर ध्‍यान दें तो ठीक रहेगा।

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  2. thanx sir ge abhi naye khiladi hain tayping prob.hai...tapying karte nanni yaad aajati hai

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