reenakari
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Saturday, February 12, 2011
reenakari: संगर्ष सी जिंदगी
reenakari: संगर्ष सी जिंदगी
: "संगर्ष सी जिंदगी , एक पल में बदलती , कभी बादल जो बरसतें रहे , कभी रेगिस्तान जो तरसता रहे , कभी पानी की बूंद बने , ...कभी सागर का रूप धरे , ..."
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