reenakari
Search This Blog
Thursday, November 3, 2011
बस मेरे लिये
आज वो रोशन बस मेरे लिये हुई
जो दूर से मुझे सताया करती
इठला इठला कर रुलाया करती
अब के बरस ऐसा हुवा
सारा सावन बादल बरसे
हुई
खूब
बरसात ऐसे
जैसे इस बरस सावन हो बस मेरे लिये
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment